अंक 7 : ब्लैक पैम्फलैट्सः लीक से हटकर

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पॉडभारती का सातवाँ अंक आप तक कई महीनों के अंतराल में पहुंच रहा है इसके लिये हम क्षमाप्रार्थी हैं। हमारा इरादा हर कम से कम हर पखवाड़े एक अंक निकालना का रहा है पर व्यस्तता के कारण यह संभव न हो सका। हमारी ये कोशिश रहेगी कि पॉडभारती के अगले अंक नियमित अंतराल में जारी हों। पॉडभारती के सातवें में आप सुन सकते हैं

  • नये स्तंभ “लीक से हटकर” में जानिये Google जीटॉक के स्टेटस संदेशों के अभिनव प्रयोग के बारे में
  • दिल्ली के कैम्पस में चुनावी माहौल का सटीक चित्रांकन करती एक युवा फिल्म निर्माता नितिन के प्रयास “ब्लैक पैम्पलेट्स” की कथा और
  • संगीतकार मदन मोहन की रचना प्रक्रिया के एक अनछुये पहलू की जानकारी, रेडियोवाणी के युनुस खान की ज़ुबानी।

Comments from the old blog

संजय बेंगाणी, Dec 21st, 2007

कमाल कर दिया.

अनूप शुक्ल, Dec 21st, 2007

सुन्दर,शानदार, जानदार! जीटाक पर मेसेज अभी से लगाना सीख लिया। देबाशीष और शशिसिंह की मेहनत शानदार है। देबू की आवाज और युनुसकी आवाज जलवे वाली है। इसके पहली की स्वागती आवाज भी बेहतरीन है। सामग्री भी चकाचक। अगले पखवाड़े का इंतजार है।

Sanjay, Dec 22nd, 2007

बहुत ही सरीली और मनभावन प्रस्‍तुति. देबाशीष की मधुर आवाज सुन कर लगा कि आप एक podcaster के रूप में बहुत सहज व नैसर्गिक है. यूनुस की तो बात ही निराली है. लेकिन सिर्फ 18 मिनट….. इतनी कम अवधि होना जरा अखर गया. इतना अच्‍छा अनुभव और इतनी ज‍ल्‍दी खत्‍म हो जाए… बात कुछ जम नहीं रही. इसे नियमित करें और थोड़ा अवधि भी बढ़ाएं तो अच्‍छा लगेगा. अगला अंक जल्‍दी पेश करिएगा. अच्‍छी प्रस्‍तुत‍ि के लिए बधाई.

G Vishwanath, Dec 25th, 2007

बधाई! लेकिन बहुत देर कर दी आप ने। मैं जानता हूँ कि podcasting में कितनी मेहनत लगती है। अगली अंक की अपीक्षा में कई बार podbharti.com पधारे थे। हमने सोचा था कि आप लोग भी हार मानकर मैदान छोड़कर जा रहे हैं और कई दिनों से हमने podbharti.com web site check करना भी छोड़ दिया था। आशा करता हूँ कि भविष्य में पॉडभार्ती नियमत अन्तराल पर सुन सकेंगे। इस बार, केवल नितिन की आवाज़ को छोड़कर voice और recording का स्तर उच्च रहा। Podcast को download करके save कर चुका हूँ और फ़िर कभी इसे एक बार और सुनूँगा। शुभमानएं।

Rashmi (Perth, Australia), Jan 4th, 2008

Congratulations. I found out about your podcast by searching on Itunes. Finally I have been able to get a podcast in Hindi. A pure and easy to understand Hindi and not Hinglish as one hears on other radio shows or the Bollywood hindi. Listening to this podcast keeps me in touch with my mother tongue. My favourite episodes were those on Kiran Bedi and the river Saraswati. I do look forward to your future episodes

तरुण चंदेल, Jan 28th, 2008

पोडभरती एक बहुत ही अच्छी पोडकास्ट है| आप इससे जारी रखें, आप बहत ही अच्छा काम कर रहे हैं|